
GURUGRAM, INDIA NOVEMBER 12: Women show their voter ID cards before casting their vote during the Haryana Panchayat elections at the Government Primary School in Gairatpur Bas village, on November 12, 2022 in Gurugram, India. The polling is being held for the post of 2,683 sarpanches and 25,655 panches in 57 blocks of Ambala, Charkhi Dadri, Gurugram, Karnal, Kurukshetra, Rewari, Rohtak, Sirsa and Sonipat districts. Around 50 per cent polling has been recorded till 2 pm in these nine districts, the officials said. (Photo by Parveen Kumar/Hindustan Times via Getty Images)
हरियाणा में लगातार तीसरी बार BJP सरकार:कांग्रेस ने कहा- नतीजे चौंकाने वाले, सीएम नायब सैनी बोले- कांग्रेस का झूठ नहीं चला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/पंचकूला। Haryana Election Result Counting: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से हैट्रिक लगाई है। हरियाणा में भाजपा मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक के रुझानों में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत रही है। भाजपा का ‘जाट वर्सेस नॉन जाट’ फॉर्मूला अपने समर्थकों को इकट्ठा करने में हिट रहा।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा 27 मौजूदा सीटें बचाने में कामयाब रही है, तो 22 नई सीटें भी जीती हैं। इनमें से नौ नई सीटें जाटों के गढ़ से जीती हैं। इसी के साथ हरियाणा के 57 साल के इतिहास में भाजपा पहली पार्टी है, जो लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। आइए हम आपको बताते हैं हरियाणा में भाजपा की इस रिकॉर्ड जीत के पांच फैक्टर्स…
1. ‘नायाब’ दांव हुआ कामयाब
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से आने वाले और पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मनोहर लाल खट्टर के प्रति लोगों की नाराजगी को भाजपा ने भांप लिया था। खट्टर 9.5 साल तक हरियाणा के सीएम रहे।
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भाजपा ने विधानसभा चुनाव से केवल छह महीने पहले यानी मार्च 2024 में खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया। यह भाजपा का हरियाणा की करीब 44 प्रतिशत ओबीसी आबादी को अपनी ओर करने का सफल दांव साबित हुआ।
भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे कराया, जिसमें पता चला कि किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के विरोध के कारण खट्टर के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी लहर है। यही वजह है कि खट्टर चुनाव प्रचार से नदारद रहे। इतना ही नहीं, चुनाव प्रचार के दौरान राज्य के ज्यादातर पोस्टर्स में खट्टर का चेहरा नजर नहीं आया। प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा में चार रैलियां कीं। इनमें से सिर्फ एक में खट्टर मौजूद रहे।
2. हिट हुआ भाजपा का जाट वर्सेज गैर-जाट फॉर्मूला
हरियाणा में 36 से ज्यादा बिरादरी हैं। इनमें सबसे ज्यादा बड़ी आबादी जाटों की है। भाजपा ने यहां गैर-जाट की राजनीति करनी शुरू कर की। सवर्णों की पार्टी जाने वाली भाजपा ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी और राजपूत वोटों को लेकर आश्वस्त थी।
भाजपा ने पिछड़े और दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। यह फॉर्मूला 2014 और 2019 के बाद 2024 में भी कामयाब रहा है। इसी का परिणाम है- हरियाणा में अनुसूचित जातियों (SC) की कुल जनसंख्या करीब 20 प्रतिशत है। एससी समुदाय के लिए कुल 17 सीटें आरक्षित हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 17 में से 4 सीटें जीती थीं। जबकि इस बार भाजपा एससी के लिए आरक्षित सीटों में 7 पर जीत रही है।
3. भाजपा ने 25 टिकट बदले, इनमें 16 प्रत्याशी जीते
भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 25 सीटों पर चेहरे बदल दिए। शाम साढ़े चार बजे तक के रुझानों के मुताबिक, इनमें से 16 प्रत्याशी जीत गए या आगे हैं। भाजपा ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
इनमें से 49 सीटें पार्टी जीत रही है यानी कि 56 प्रतिशत। भाजपा ने 25 पर नए लोगों को मौका दिया था, उनमें से 16 प्रत्याशी जीत रहे है या आगे हैं यानी 67 प्रतिशत। साफ है कि भाजपा का प्रत्याशी बदलने का फॉर्मूला काम कर गया।
4. जजपा का जनाधार टूटने से भाजपा को हुआ लाभ
हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में जजपा (JJP) ने 1 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन सीटों में से पांच बागड़, चार बांगर और एक जीटी रोड बेल्ट की सीट थी। वहीं इस चुनाव में जजपा का सफाया हो गया। जजपा की 10 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को बढ़त मिली।
भाजपा ने चार सीटों पर कब्जा किया, जिनमें बांगर और बागड़ बेल्ट की 2-2 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी ने छह सीटें अपने हिस्से में कीं। इन सीटों में बागड़ बेल्ट की तीन, बांगर बेल्ट की दो और जीटी रोड बेल्ट की एक सीट शामिल है।
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जजपा ने गठबंधन में सरकार बनाई थी। जजपा सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने थे। मार्च 2024 में भाजपा ने जजपा से गठबंधन तोड़ दिया और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2019-2024 तक जजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने का फायदा भाजपा को इस चुनाव में मिला।
5. कांग्रेस की 70 सभाओं पर भाजपा की 150 रैलियां
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 150 से ज्यादा रैलियां कीं। चार रैलियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और 10 गृहमंत्री अमित शाह ने की थीं। मोदी ने अपनी चार रैली से 20 सीटों को कवर किया, जिनमें से 10 पर भाजपा जीत रही है।
वहीं आधा दर्जन से ज्यादा सभाएं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कीं। इसके अलावा 40 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे।
हरियाणा में कांग्रेस ने केवल 70 सभाएं की थीं, जिनमें चार रैलियां और दो रोड शो विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कीं। जबकि प्रियंका गांधी ने दो सभाएं और राहुल के साथ एक रोड शो किया।
इसके अलावा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो रैलियां की। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और सांसदों ने कांग्रेस के लिए वोट मांगे। अगर ये कहा जाए कि इस चुनाव में कांग्रेस की 70 सभाओं पर भाजपा की 150 रैलियां भारी पड़ीं, तो गलत न होगा।